गले में गांठ (Lump in the Neck) को अक्सर लोग मामूली समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन यह कई बार गंभीर और जानलेवा बीमारी का संकेत भी हो सकती है। यह गांठ किसी साधारण संक्रमण से लेकर कैंसर जैसी घातक बीमारी तक का संकेत हो सकती है। इसलिए, समय रहते इसके लक्षणों को पहचानना और सही उपचार करवाना बेहद जरूरी है।
इस ब्लॉग में हम आपको गले में गांठ के संभावित कारण, इसके शुरुआती लक्षण और इसे नजरअंदाज करने के संभावित खतरों के बारे में बताएंगे।
गले में गांठ क्या होती है?
गले में गांठ एक उभरी हुई सूजन होती है, जो त्वचा के नीचे महसूस की जा सकती है। यह गांठ एक तरफ या दोनों तरफ हो सकती है। यह सॉफ्ट (मुलायम) या हार्ड (कठोर) हो सकती है और इसका आकार छोटा या बड़ा हो सकता है।
गले में गांठ होने के संभावित कारण
गले में गांठ बनने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ सामान्य और कुछ गंभीर हो सकते हैं।
1. वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण
- सर्दी-जुकाम या टॉन्सिलिटिस के कारण लिम्फ नोड्स (lymph nodes) में सूजन हो सकती है।
- गले के इंफेक्शन से भी अस्थायी गांठ बन सकती है।
2. थायरॉयड की समस्या
- हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) या हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism) से गले में गांठ बन सकती है।
- थायरॉयड नोड्यूल (Thyroid Nodules) भी एक कारण हो सकता है।
3. लिपोमा (Lipoma) या सिस्ट (Cyst)
- लिपोमा एक प्रकार की फैटी गांठ होती है, जो आमतौर पर नुकसानदायक नहीं होती।
- सिस्ट (Cyst) भी त्वचा के नीचे गांठ के रूप में विकसित हो सकती है।
4. कैंसर (Cancer)
- गले में लगातार बढ़ती हुई गांठ कैंसर का संकेत हो सकती है।
- मुंह, गले या लार ग्रंथि (Salivary Gland) का कैंसर भी गांठ का कारण बन सकता है।
5. लिम्फोमा (Lymphoma)
- लिम्फ नोड्स में कैंसर (Lymphoma) के कारण गले में गांठ हो सकती है।
- इसके साथ वजन कम होना, बुखार और रात को पसीना आना जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।
गले में गांठ के शुरुआती लक्षण
गांठ अगर किसी गंभीर बीमारी का संकेत है, तो इसे नजरअंदाज करना घातक साबित हो सकता है। इसके कुछ शुरुआती लक्षण निम्नलिखित हैं:
✔️ गले में सूजन या उभार महसूस होना
✔️ गांठ का धीरे-धीरे बढ़ना
✔️ गांठ में दर्द या लालिमा
✔️ निगलने में कठिनाई
✔️ लगातार खांसी या गले में खराश
✔️ वजन कम होना और कमजोरी महसूस होना
✔️ बुखार या रात में अधिक पसीना आना
गले में गांठ होने पर क्या करें?
अगर आपको गले में गांठ महसूस होती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। निम्नलिखित परीक्षण किए जा सकते हैं:
🔹 बायोप्सी (Biopsy): गांठ की प्रकृति जानने के लिए टिशू सैंपल की जांच।
🔹 अल्ट्रासाउंड (Ultrasound): गांठ के आकार और उसकी स्थिति की जांच।
🔹 सीटी स्कैन या एमआरआई (CT Scan/MRI): अगर गांठ कैंसर से जुड़ी हो, तो इसकी गहराई से जांच।
🔹 रक्त परीक्षण (Blood Tests): संक्रमण या थायरॉयड से संबंधित समस्या का पता लगाने के लिए।
गले की गांठ का इलाज
इलाज गांठ के कारण पर निर्भर करता है:
✅ इंफेक्शन होने पर: एंटीबायोटिक्स या एंटीवायरल दवाइयां दी जाती हैं।
✅ थायरॉयड की समस्या पर: हार्मोन थेरेपी या सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।
✅ लिम्फोमा या कैंसर पर: कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी या सर्जरी की सलाह दी जा सकती है।
गले की गांठ से बचाव कैसे करें?
✔️ नियमित हेल्थ चेकअप कराएं।
✔️ गले में किसी भी असामान्य बदलाव को नजरअंदाज न करें।
✔️ संतुलित आहार लें और इम्यूनिटी मजबूत रखें।
✔️ धूम्रपान और शराब से बचें।
✔️ संक्रमण होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
निष्कर्ष
गले में गांठ कोई साधारण समस्या भी हो सकती है, लेकिन इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। अगर गांठ बढ़ रही है, दर्द कर रही है या अन्य लक्षण दिख रहे हैं, तो बिना देर किए डॉक्टर से जांच करवाएं। सही समय पर इलाज करवाने से किसी भी गंभीर बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है।
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