हाल ही में भारत सरकार ने साइबर धोखाधड़ी और टेलीकॉम फ्रॉड के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए लाखों व्हाट्सएप अकाउंट्स और करोड़ों मोबाइल कनेक्शनों को ब्लॉक किया है। दूरसंचार विभाग (DoT) और गृह मंत्रालय की इस संयुक्त कार्रवाई का उद्देश्य डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करना और नागरिकों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाना है।
व्हाट्सएप अकाउंट्स पर कार्रवाई:
दिसंबर 2024 में, व्हाट्सएप ने भारत में 84 लाख से अधिक अकाउंट्स को ब्लॉक किया था। इनमें से 16 लाख अकाउंट्स को यूजर्स की शिकायतों के बाद हटाया गया, जबकि बाकी को कंपनी ने स्वयं जांच के बाद ब्लॉक किया। यह कार्रवाई बल्क मैसेजिंग, स्पैम, धोखाधड़ी और भ्रामक जानकारी फैलाने वाले अकाउंट्स के खिलाफ की गई थी।
इसके अलावा, गृह मंत्रालय के I4C विंग ने डिजिटल धोखाधड़ी और साइबर अपराधों पर लगाम कसने के लिए 17,000 से अधिक व्हाट्सएप अकाउंट्स को ब्लॉक किया। इनमें से ज्यादातर नंबर कंबोडिया, म्यांमार, लाओस और थाईलैंड से सक्रिय थे, जो फाइनेंशियल फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट कॉल्स में शामिल थे।
मोबाइल कनेक्शनों पर कार्रवाई:
दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम फ्रॉड को रोकने के लिए ‘Sanchar Saathi’ पोर्टल के माध्यम से 3.4 करोड़ से अधिक मोबाइल फोन कनेक्शनों को डिस्कनेक्ट किया है। साथ ही, 3.19 लाख IMEI नंबर भी ब्लॉक किए गए हैं। AI और बिग डेटा की मदद से फर्जी दस्तावेजों वाले कनेक्शनों की पहचान की गई, जिससे फ्रॉड करने वालों पर नकेल कसी जा सके।
सरकारी प्रयास और तकनीकी उपाय:
सरकार ने ‘Sanchar Saathi’ और ‘Chakshu’ जैसी पहलों के माध्यम से संदिग्ध फ्रॉड कॉल्स या मैसेज की रिपोर्टिंग की सुविधा प्रदान की है। AI और बिग डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करके फर्जी दस्तावेजों वाले कनेक्शनों की पहचान की जा रही है। इसके अलावा, टेलीकॉम कंपनियों ने 1,150 लोगों या संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट किया और 18.8 लाख से ज्यादा संसाधनों को डिस्कनेक्ट किया है, जिससे स्पैम और फ्रॉड में भारी कमी आई है।
नए नियम और दिशानिर्देश:
TRAI ने 12 फरवरी को TCCCPR 2018 में बदलाव किए हैं, जिससे ग्राहक स्पैम या अनचाहे कमर्शियल कम्युनिकेशन की शिकायत 7 दिनों तक कर सकते हैं। पहले यह सीमा 3 दिन थी। इसके अलावा, UCC भेजने वालों पर कार्रवाई का समय भी 30 दिन से घटाकर 5 दिन कर दिया गया है, जिससे फ्रॉड और स्पैम पर तेजी से रोक लगाई जा सके।
इन सख्त कदमों से स्पष्ट है कि सरकार और संबंधित एजेंसियां टेलीकॉम फ्रॉड और साइबर अपराधों को जड़ से उखाड़ने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। नागरिकों को भी सतर्क रहकर संदिग्ध कॉल्स और मैसेज की रिपोर्टिंग में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए, ताकि डिजिटल दुनिया को सुरक्षित बनाया जा सके।
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भारत सरकार की यह पहल डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। व्हाट्सएप और टेलीकॉम फ्रॉड के खिलाफ कड़े कदम उठाने से नागरिकों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाने में मदद मिलेगी। AI और बिग डेटा का उपयोग करके फर्जी दस्तावेजों की पहचान करना एक प्रभावी तरीका है। सरकार की यह कार्रवाई स्पैम और फ्रॉड को कम करने में सफल रही है। क्या यह कदम भविष्य में और अधिक सुरक्षा उपायों को लागू करने की दिशा में एक मिसाल बनेगा?